क्या फोटोग्राफी महत्वपूर्ण है?
फोटोग्राफी वर्तमान युग के महानतम आविष्कारों में से एक है। आज फोटोग्राफी हमारे जीवन के हर क्षेत्र को स्पर्श कर रही है। ज्ञान विज्ञान, शिक्षा, जन-संपर्क, सूचना प्रौद्योगिकी या मनोरंजन, जिधर भी देखिये, हर जगह फोटोग्राफी का ही सदुपयोग होता नज़र आयेगा । अंतरिक्ष में भेजे गये उपग्रह धरती की सतह व भीतर के चित्र वैज्ञानिकों के लिये भेजते हैं, हॉलीवुड और बॉलीवुड के नाम पर चलचित्रों की जिस दुनिया से हम परिचित हैं - वह सब फोटोग्राफी पर ही तो टिकी हुई है। हर घर में रखा हुआ बुद्धू बक्सा, यानि टीवी हमें जो कुछ परोसता है, वह सब फोटोग्राफी नहीं तो और क्या है? आज अमिताभ, ऐश्वर्या राय को हम जानते हैं तो क्या इसका श्रेय फोटोग्राफी को ही नहीं जाता ? पुस्तकों, समाचार पत्रों - पत्रिकाओं का मुद्रण फोटोग्राफी तकनीक के ही कारण तो संभव हो पा रहा है (ऑफसेट प्रेस व स्क्रीन प्रिंटिंग दोनो ही के पीछे फोटोग्राफी के सिद्धान्त कार्य कर रहे हैं।) एक्स-रे, अल्ट्रा-साउंड, सी-टी स्कॅन, माइक्रोस्कोप आदि के पीछे भी फोटोग्राफी ही है।
एक उत्कृष्ट हॉबी व आकर्षक व्यवसाय के रूप में भी फोटोग्राफी अपना एक विशिष्ट स्थान बना चुकी है। फोटो खींचना और खिंचवाना - ये दोनो आज हॉबी भी हैं और व्यवसाय भी । ऐसा शायद ही कोई और यंत्र हो जिसके आगे भी और पीछे भी - कहीं भी खड़े हो कर आप नाम, पैसा और अपार शोहरत कमा सकते हैं! ललित कला के रूप में यह हमारे आपके जीवन को मनभावन रंगों से भर देती है वहीं व्यवसाय के रूप में आज फोटोग्राफी जीविका के अनेकानेक मार्ग खोल देती है। फोटोग्राफी का अध्ययन करने के बाद फोटो स्टुडियो, पत्रकारिता, मेडिकल व साइंटिफिक फोटोग्राफी, मैक्रो एवं माइक्रो फोटोग्राफी, आर्किटेक्चरल फोटोग्राफी, स्पोर्ट्स व वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी, स्पेस फोटोग्राफी, टीवी व फिल्म इंडस्ट्री हेतु फोटोग्राफी व सिनेमाटोग्राफी, प्रोडक्ट मॉडलिंग, फैशन व कॉमर्शियल फोटोग्राफी, एडिटोरियल फोटोग्राफी - ऐसे अनेकानेक क्षेत्र आपके लिये खुल जाते हैं जहां रोज़गार की संभावनायें अनन्त हैं। मास-कम्युनिकेशन के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिये तो फोटोग्राफी का ज्ञान किसी वरदान से कम नहीं है। यदि आप मल्टीमीडिया के क्षेत्र में हैं तो बिना फोटोग्राफी सीखे आपका ज्ञान अधूरा ही है। डिजिटल कैमरों के आने के बाद तो कैमरे और कंप्यूटर के बीच की सीमा रेखा ही समाप्त हो गयी लगती है। मल्टीमीडिया मोबाइल सैट ने तो कैमरे को हर व्यक्ति की पॉकेट में पहुंचा दिया है।
फोटोग्राफी भौतिक विज्ञान व रसायन विज्ञान के सिद्धांतों के आश्रय पर खड़ी है । इसीलिये कहा जाता है कि फोटोग्राफी ५०% विज्ञान है और ५०% कला। कैमरे का सर्वोत्तम उपयोग कर सकने के लिये जितना जानना आवश्यक है, केवल उतना ही इस कॉलम में बताया जायेगा। अनावश्यक रूप से गहराई में जाने की हमें आवश्यकता नहीं है। हमें कार चलानी सीखनी है, मोटर मेकेनिक थोड़ा ही बनना है ! है न ?
कल तक के लिये विदा दीजिये !
सुशान्त सिंहल
Sushant K. Singhal
email : singhal.sushant@gmail.com
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